आज अचानक
तुम्हारी याद आई
मेरे कानों ने तुम्हारे गीत
सुने
मेरी आँखे भर आयी
सोचा
बादलों से कुछ गुफ्तगू कर
लूं
तुम्हारे लिए लेकिन
वो भी औरों की तरह
मुझ पर ही बरस पड़ा
मैं मरता क्या न करता
चुपचाप खड़ा भीगता रहा
और वो
बरसता रहा...
बरसता रहा....
बरसता रहा......
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