मेरे विचारों का ये सिलसिला
जारी रहेगा मौत के बुलावे तक..........
@पंकज कुमार साह,,,,
शुक्रवार, 24 अगस्त 2012
औरत
वो कहती है जलती रही हूँ वर्षों
से आगे भी जलती रहूँगी तब तक जब तक की खाक ना हो
जाऊँ ताकि उसके बाद भी काम आ सकूँ और एक बार फिर उपयोग
में लायी जा सकूँ जरुरत की वस्तु समझ
कर ..|
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मेरी रचनाओं पर आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया स्वरुप एक-एक शब्द के लिए आप सबों को तहे दिल से शुक्रिया ...उपस्थिति बनायें रखें ...आभार
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